मोदी सरकार मतलब देश बेच दो

हर इंसान की इच्छा होती है कि उसका देश तरक्की के नए आयाम छुए। उसका अपना प्रिय देश दुनिया का सबसे अग्रणी देश हो और उसका शुमार दुनिया के सबसे विकसित देश के तौर पर हो।

भारत के तमाम लोगों का भी यही ख्वाब है मगर जब बात हकीकत की होती है तो मामला एक दम उल्टा नजर आता है। हाल ही में आयी रिपोर्ट के अनुसार भ्रष्टाचार के मामले में भारत ने 93वां स्थान हासिल किया है, जो कि साल 2022 में 85वां था।

मोदी सरकार तो विश्व गुरु का दावा करती है मगर महंगाई एक सच्चाई बन चुकी है और नौकरी एक सपना। क्या ऐसे कॉपी पेस्ट से बनेगा हमारा भारत विश्व गुरु?

एक तरफ तो भाजपा 5 ट्रिलियन इकॉनमी का दावा कर रही है मगर दूसरी तरफ देश की हर उस सम्पति को बेचने पर तुली हुयी है जिसका सीधे तौर पर देश के विकास और देश की जनता को लाभ होता है।

मोदी सरकार ने 1.6 लाख करोड़ का रोडवेज बेच दिया है। देश की रीढ़ कही जाने वाली रेलवे को 1.5 लाख करोड़ में बेच दिया है। गेल की पाइप लाइन, पेट्रोलियम की पाइपलाइन, बीएसएनल और एमटीएनल को भी केंद्र ने बेच दिया है। वेयरहाउसिंग को भी केंद्र सरकार बेच रही है।

देश के विकास का तो पता नहीं मगर दोस्त का विकास इतना हुआ कि जो कारोबारी धन्ना सेठ कुछ साल पहले तक टॉप 100 में भी नहीं होता था वो अचानक नंबर 1 बन चुका है। दोस्त के विकास में कोई कमी न रह जाये इसके लिए सभी नियम कानून भी टाक पर रख दिए जाते हैं।

रोजगार के नाम पर युवाओं को पकौड़ा तलने का कारोबार सिखाया जा रहा है। जिस युवा कि ज्यादा महत्वकांक्षा होती है उसको गटर से गैस निकालने का अकल्पनीय कारोबार सिखाया जाता है।

जिस युवा को ज्यादा रोजगार की खुजली होती है और वो धरना प्रदर्शन में आन्दोलनजीवी बनने का प्रयास करता है उसकी सत्ता के आदेश के इन्तजार में बैठी पुलिस द्वारा बीच सड़क दौड़ा दौड़ा कर खूब सेवा की जाती है। उस सेवा के निशान उस युवा के जिस्म पर सरकार के गिफ्ट की तरह छप जाते हैं।

कहते है भारत में महिला को देवी का दर्जा हासिल है मगर आये दिन इस देवी की इज्जत को तार तार किया जाता है। हाल ही में अपराध मुक्त यूपी के कानपुर में 2 नाबालिग बहनों के साथ बलात्कार जैसा जघन्य अपराध करने के बाद दुष्टों ने क़त्ल कर के पेड़ से शव को लटका दिया था।

इस डर के साथ कि कल को सत्ता के नशे में चूर ये भाजपा सरकार साँस लेने पर भी टैक्स न लगा दे, कैसे कहूं कि मेरा देश भारत दुनिया का सबसे अग्रणी देश है। विश्व गुरु की उपाद्धि शाब्दिक तौर पर तो बेहद ख़ुशी देने वाली है मगर जब हकीकत को देखता हूँ तो लगता है कि, नहीं कुछ तो ऐसा है जिसने भारत को विश्व गुरु की जगह एक भ्रष्ट देश के तौर पर पहचान दी हुयी है।

Previous post तुम रोजगार मांगोगे हम लठ्ठ देंगे: माननीय तानाशाह जी
Next post बिजनौर (Bijnor) लोकसभा सीट और मुस्लिम राजनीती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *