मुसलमानों का राजनीतिक पतन ???

अगर मैं आपसे ये सवाल पूछो कि कोई समाज अगर पिछड़ा हो और लगातार हाशिये पर धकेला जा रहा हो तो उसके उत्थान के लिए क्या किया जायेगा?

इसी सवाल को थोड़ा और बड़ा करते है कि अगर कोई समुदाय शिक्षा, कारोबार और राजनीती हर जगह पिछड़ेपन की एक मिसाल हो तो उसको मुख्यधारा में वापस कैसे लाया जायेगा?

मुझे उस समुदाय का नाम बताने की जरूरत नहीं है आप सभी बखूबी वाकिफ हैं। मुसलमान समुदाय जिसको सच्चर कमेटी, रंगनाथ मिश्र आयोग, मंडल कमीशन सभी ने एक स्वर में भारत का सबसे पिछड़ा हुआ समुदाय माना है। इनके मुताबिक मुसलमानों की हालत तो दलितों से भी बदतर है।

शायद आप लोग भी सोचते होंगे आखिर मुसलमान इस देश में इतना पिछड़ा कैसे हो गया है तो ये जान लीजिये कि मुसलमान पीछे हुआ नहीं है बल्कि पूरे सामाजिक और सरकारी तंत्र ने उसे पीछे धकेला है और इतना पीछे धकेला है कि वो शायद पाताल में जा चुका है।

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