दिल्ली विधानसभा चुनाव और मुसलमान!

जब भी दिल्ली की राजनीति का ज़िक्र होता है तो अनिवार्य रूप से प्रदेश की लगभग 13 फीसदी मुस्लिम आबादी की बात जरूर होती है। 

1993 में दिल्ली में विधानसभा की स्थापना के बाद से ही अमूमी तौर पर ये माना जाता है कि दिल्ली की 70 विधानसभा में से 5 विधानसभा सीटें ऐसी है जहां यकीनी तौर पर कोई मुस्लिम विधायक ही चुन कर आयेगा। इसके अलावा दो सीटें ऐसी भी जहां पर मुस्लिम मतदाता ही प्रत्याशी की हार जीत को तय करता है। 

मुस्लिम सीटों का खेल 

मटिया महल (60% मुस्लिम मतदाता), सीलमपुर (57%), ओखला (53%), बल्लीमारान (50%) और मुस्तफाबाद (40%) ऐसी विधानसभा सीटें हैं जहां पर हमेशा मुस्लिम विधायक ही चुनाव जीतता रहा है। बस एक बार मुस्तफाबाद की सीट पर भाजपा के जगदीश प्रधान 2015 में मुस्लिम वोटों के बंटवारे की वजह से चुनाव जीते है। 

इसके अलावा बाबरपुर सीट जहाँ 41% मुस्लिम मतदाता होने के बावजूद कभी कोई मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव नहीं जीता है। वहीं 30% मुस्लिम वोटर वाली चांदनी चौक सीट पर भी मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव में कामयाबी नहीं हासिल कर पाया है। 

Assembly NameMuslim VotersDistrictMLA 2020MLA 2015MLA 2013MLA 2008
Matia Mahal60%Central DelhiShoaib Iqbal – AAPAsim Ahmed Khan – AAPShoaib Iqbal – JDUShoaib Iqbal – LJP
Seelampur57%North East DelhiAbdul Rehman – AAPMohd Ishraque – AAPChaudhary Mateen – INCChaudhary Mateen – INC
Okhla53.00%South East DelhiAmanatullah Khan – AAPAmanatullah Khan – AAPAsif Mohd Khan – INCParvez Hashmi – INC
Ballimaran50%Central DelhiImran Hussain – AAPImran Hussain – AAPHaroon Yusuf – INCHaroon Yusuf – INC
Babarpur41.10%ShahdaraGopal Rai – AAPGopal Rai – AAPNaresh Gaur – BJPNaresh Gaur – BJP
Mustafabad40%North East DelhiHaji Yunus – AAPJagdish Pradhan – BJPHasan Ahmed – INCHasan Ahmed – INC
Chandni Chowk30%Central DelhiParlad Sawhney – AAPAlka Lamba – AAPParlad Sawhney – INCParlad Sawhney – INC

अक्सर लोग इन सात सीटों के बाद मुस्लिम केंद्रित सीटों की बात करना भूल जाते है मगर उन्हें याद रखना चाहिए कि इनके अलावा भी 4 सीटें ऐसी है जहां मुस्लिम मतदाता बेहद प्रभावशाली हैं। 

गांधी नगर (25% मुस्लिम मतदाता), सीमापुरी SC (23.4%), संगम विहार (22.7%) और करावल नगर (19%) सीट पर मुस्लिम मतदाता प्रत्याशी की चुनावी जीत हार में अहम रोल अदा करते हैं। 

Assembly NameMuslim VotersDistrictMLA 2020MLA 2015MLA 2013MLA 2008
Gandhi Nagar25%East DelhiAnil Bajpai – BJPAnil Bajpai – AAPArvinder Lovely – INCArvinder Lovely – INC
Seemapuri – SC23.40%ShahdaraRajendra Gautam – AAPRajendra Gautam – AAPDharmender Singh – AAPVeer Singh – INC
Sangam Vihar22.70%South East DelhiDinesh Mohaniya – AAPDinesh Mohaniya – AAPDinesh Mohaniya – AAPSCL Gupta – BJP
Karawal Nagar19%North East DelhiMohan Bisht – BJPKapil Mishra – AAPMohan Bisht – BJPMohan Bisht – BJP

अगर आपको लगता है कि कहानी यहीं समाप्त हो गयी है तो आप गलत है। इन सीटों से अलग चार सीटें जंगपुरा (16.3%), सदर बाजार (16.2%), कृष्णा नगर (15%) और बादली (13%) में भी मुस्लिम मतदाता चुनावी राजनीति को प्रभावित कर सकते है। 

इसके आगे 12 सीटें ऐसी है जहां पर मुस्लिम मतदाता 10 से 12 फीसदी है जो किसी भी प्रत्याशी को चुनावी राजनीति में आकर्षित करने के लिए काफी है। मालवीय नगर, देवली – एससी, बदरपुर, तिरलोकपुरी – एससी, शाहदरा, तुगलकाबाद, सुल्तानपुर माजरा – एससी, कालकाजी, घोंडा, गोकलपुर – एससी, किरारी और लक्ष्मी नगर सीटें इस लिस्ट में शामिल हैं। 

Assembly NameMuslim VotersDistrictMLA 2020MLA 2015MLA 2013MLA 2008
Jangpura16.30%South East DelhiPraveen Kumar – AAPPraveen Kumar – AAPManinder Singh – AAPTarvinder Singh – INC
Sadar Bazar16.20%Central DelhiSom Dutt – AAPSom Dutt – AAPSom Dutt – AAPRajesh Jain – INC
Krishna Nagar15%East DelhiSK Bagga – AAPSK Bagga – AAPDr. Harsh Vardhan – BJPDr. Harsh Vardhan – BJP
Badli13%North DelhiAjesh Yadav – AAPAjesh Yadav – AAPDevender Yadav – INCDevender Yadav – INC
Malviya Nagar12.50%South DelhiSomnath Bharti – AAPSomnath Bharti – AAPSomnath Bharti – AAPKiran Walia – INC
Deoli – SC12.20%South DelhiPrakash Jarwal – AAPPrakash Jarwal – AAPPrakash Jarwal – AAPArvinder Singh – INC
Badarpur12%South East DelhiRamvir Bidhuri – BJPNarayan Sharma – AAPRamvir Bidhuri – BJPRam Singh – BSP
Tirlokpuri – SC12%East DelhiRohit Kumar – AAPRaju Dhingan – AAPRaju Dhingan – AAPSunil Kumar – BJP
Shahdara11.20%ShahdaraRam Niwas Goel – AAPRam Niwas Goel – AAPJitender Singh – BJPNarender Nath – INC
Tughlakabad11%South East DelhiSahi Ram – AAPSahi Ram – AAPRamesh Bidhuri – BJPRamesh Bidhuri – BJP
Sultanpur Majra – SC10.60%North West DelhiMukesh Ahlawat – AAPSandeep Kumar – AAPJai Kishan – INCJai Kishan – INC
Kalkaji10%South East DelhiAtishi – AAPAvtar Singh – AAPHarmeet Singh – BJPSubhash Chopra – INC
Ghonda10%North East DelhiAjay Mahawar – BJPShri Dutt Sharma – AAPSahab Chauhan – BJPSahab Chauhan – BJP
Gokalpur – SC10.00%North East DelhiSurendra Kumar – AAPFateh Singh – AAPRanjeet Singh – BJPSurendra Kumar – BSP
Kirari10%North West DelhiRituraj Govind – AAPRituraj Govind – AAPAnil Jha – BJPAnil Jha – BJP
Laxmi Nagar10%East DelhiAbhay Verma – BJPNitin Tyagi – AAPVinod Kumar – AAPDr. Ashok Walia – INC

इन सीटों के अलावा 25 विधानसभा सीटें ऐसी भी है जहां पर मुस्लिम मतदाता 5 से 9 फीसदी की ठीकठाक स्थिति रखता है। तिमारपुर, पटपड़गंज, रोहतास नगर, आदर्श नगर, अंबेडकरनगर, बवाना – एससी, छतरपुर, कोंडली – एससी, विकासपुरी, मुदका, राजौरी गार्डन, मोती नगर, नागलोई जाट, वजीरपुर, महरौली, नरेला, द्वारका, पटेल नगर, त्रिनगर, जनकपुरी, ग्रेटर कैलाश, मादीपुर – एससी, विश्वास नगर, कस्तूरबा नगर और मटियाला सीटों को इस लिस्ट में गिना जा सकता है। 

Assembly NameMuslim Voters
Timarpur9%
Patparganj8.50%
Rohtas Nagar8.30%
Adarsh Nagar8.20%
Ambedkarnagar8%
Bawana – SC7.80%
Chhatarpur7.80%
Kondli – SC7.80%
Vikaspuri7.70%
Mudka7.20%
Rajouri Garden7.20%
Moti Nagar7.10%
Nagloi Jat7%
Wazirpur7%
Mehrauli6.90%
Narela6.70%
Dwarka6.50%
Patel Nagar6.30%
Trinagar6.20%
Janakpuri6.10%
Greater Kailash5.70%
Madipur – SC5.70%
Vishwas Nagar5.60%
Kasturba Nagar5.20%
Matiala5.10%

कुल मिला कर बात ये है कि दिल्ली की विधानसभा में मुस्लिम मतदाता केवल 7 सीटों पर ही प्रभावशाली नहीं है बल्कि वो 14 सीटों के चुनाव को सीधे तौर पर प्रभावित करता है। 

राजनीतिक चक्रव्यूह में पिस्ता दिल्ली का मुसलमान 

यहां पर एक अहम सवाल उठता है कि समाज में राजनीतिक तौर पर हाशिये पर धकेला जा चुका मुसलमान दिल्ली में भी 2 विधानसभा सीटों को सेकुलर राजनीति के चक्कर में कुर्बान कर चुका है। जहां बाबरपुर जैसी मुस्लिम केंद्रित सीट पर आप के मंत्री गोपाल राय का कब्ज़ा है वहीं चांदनी चौक सीट पर कभी AAP तो कभी कांग्रेस का कब्ज़ा रहता है और मुसलमान ठहर कर केवल तमाशा देखता है। 

इसके अलावा गांधी नगर और संगम विहार की सीट भी नैतिक तौर पर सेकुलर राजनीति में मुसलमानों के हिस्से में आनी चाहिए। वहीं सीमापुरी जैसी मुस्लिम केंद्रित सीट परिसीमन की वजह से मुस्लिम राजनीति से विहीन ही रहेगी। 

अभी तक चुने गए मुस्लिम विधायक 

अगर मैं 1993 से अभी तक चुने गए मुस्लिम विधायकों की बात करूँ तो 12 प्रत्याशी अभी तक 5 मुस्लिम केंद्रित सीटों से चुनाव जीते हैं। 

Sr.MLA NameAssemblyYear
1Amanatullah KhanOkhla2015, 2020
2Asif Mohd KhanOkhla2008 (Bye Election), 2013
3Parvez HashmiOkhla1993, 1998, 2003, 2008
4Mateen AhmedSeelampur1993, 1998, 2003, 2008, 2013
5Mohd IshraqueSeelampur2015
6Abdul RehmanSeelampur2020
7Shoaib IqbalMatia Mahal1993,1998, 2003, 2008, 2013, 2020
8Asim Ahmed KhanMatia Mahal2015
9Haroon YusufBallimaran1993, 1998, 2003, 2008, 2013
10Imran HussainBallimaran2015, 2020
11Hasan AhmedMustafabad2008, 2013
12Haji YunusMustafabad2020

मटिया महल विधानसभा:

दिल्ली में सबसे ज्यादा मुस्लिम मतदाता वाली सीट मटिया महल है। यहां से 6 बार शोएब इक़बाल चुनाव जीते है। उसमें भी खास बात ये है कि हर बार वो एक नयी पार्टी से चुनाव जीत कर विधानसभा में पहुंचे थे। सिर्फ एक बार 2015 में AAP के आसिम  अहमद से चुनाव हारे है वो भी एक बार फिर पार्टी बदलते हुए कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़े थे। 

2020 के विधानसभा चुनाव में शोएब इक़बाल ने AAP के सिंबल पर एक तरफ़ा जीत हासिल की थी। उन्होंने 67,282 वोट हासिल करते हुए भाजपा प्रत्याशी को 50,241 वोटों के मार्जिन से चुनाव हराया था। आखिरी विधानसभा चुनाव में इस सीट पर 70.43% मतदान हुआ था जो दिल्ली के औसत से काफी ज्यादा था। 

सीलमपुर विधानसभा:

उत्तर पूर्वी दिल्ली की सीलमपुर विधानसभा भी एक मुस्लिम बहुल सीट है। 1993 से 2013 तक लगातार 5 बार चौधरी मतीन अहमद चुनाव जीत विधानसभा में पहुंचे हैं। 2015 में वो हाजी इशराक से चुनाव हार गए थे। वहीं 2020 के चुनाव में इस सीट से AAP के सिम्बल पर अब्दुर रहमान विधायक चुने गए थे। 

2020 के विधानसभा चुनाव में अब्दुर रहमान ने 72,694 वोट हासिल करते हुए 37,075 वोटों की मार्जिन से भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव हराया था। इस सीट पर भी 2020 के चुनाव में दिल्ली के औसत से ज्यादा 71.42% मतदान हुआ था।

ओखला विधानसभा:

दक्षिण पूर्वी दिल्ली का हिस्सा और जामिया मिल्लिया इस्लामिया के लिए प्रसिद्ध ओखला विधानसभा भी एक मुस्लिम बहुल सीट है। इस सीट पर  कांग्रेस के दिग्गज नेता परवेज़ हाश्मी 1993 से 2008 तक लगातार चुनाव जीतते रहे है। वहीं कांग्रेस के आसिफ मुहम्मद खान 2009 का उपचुनाव और 2013 का विधानसभा चुनाव जीत विधायक बने थे। इसके बाद 2015 और 2020 के चुनाव में इस सीट पर AAP के अमानतुल्लाह खान बंपर वोटों से चुनाव जीते हैं। 

2020 के विधानसभा चुनाव में अमानतुल्लाह खान ने 130,367 वोट हासिल करते हुए 71,827 वोटों के बड़े मार्जिन से अपने भाजपाई प्रतिद्वंदी को हराया था। वहीं इस चुनाव में 58.97% मतदान दर्ज किया गया था। 

बल्लीमारान विधानसभा:

बल्लीमारान भी सेंट्रल दिल्ली की एक मुस्लिम बहुल विधानसभा सीट है। इस सीट से हारुन यूसुफ 1993 से 2013 तक लगातार 5 बार विधायक चुने जाते रहे हैं। वहीं 2015 और 2020 में इस सीट पर AAP के इमरान हुसैन विजेता रहे है। इस सीट की एक खास बात ये है कि यहां से जीता हुआ विधायक दिल्ली सरकार में मंत्री जरूर बनता है। 

2020 के विधानसभा चुनाव में इमरान हुसैन ने 65,644 वोट हासिल करते हुए भाजपा प्रत्याशी को 36,172 वोटों के मार्जिन से चुनाव हराया था। वहीं इस चुनाव में इस सीट पर बाकि दिल्ली के औसत से कहीं ज्यादा 71.64% मतदान हुआ था। 

मुस्तफाबाद विधानसभा: 

नार्थ ईस्ट दिल्ली का हिस्सा मुस्तफाबाद सीट 2002 के परिसीमन के बाद 2008 में अस्तित्व में आयी थी। इस सीट से 2008 और 2013 में कांग्रेस के हसन अहमद चुनाव जीत विधायक बने थे। वहीं 2015 में मुस्लिम वोटों के बंटवारे की वजह से भाजपा के जगदीश प्रधान केवल 6,031 वोटों के मार्जिन से यहां से चुनाव जीत गए थे। इसके अलावा 2020 में यहां से हाजी यूनुस चुनाव जीत विधायक बने थे। 

2020 के चुनाव में AAP के हाजी यूनुस 98,850 वोट हासिल करते हुए 20,704 वोटों के मार्जिन से विधायक चुने गए थे। इस सीट पर भी उत्तर पूर्वी दिल्ली की बाकि मुस्लिम सीटों की तरह 70.75% मतदान दर्ज किया गया था। 

बाबरपुर विधानसभा:

शाहदरा जिले के अंतर्गत आने वाली बाबरपुर विधानसभा यूँ तो मुस्लिम केंद्रित है मगर इसके बावजूद 1993 से अभी तक इस सीट पर कोई भी मुस्लिम विधायक नहीं चुनाव गया है। भाजपा के नरेश गौड़ 4 बार विधायक चुने गए है। वहीं एक बार कांग्रेस के विनय शर्मा भी विधायक चुने जा चुके हैं। 2015 और 2020 के चुनाव में AAP के कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल राय यहां से चुनाव जीत रहे है। 

2020 के चुनाव में गोपाल राय 84,776 वोट हासिल करते हुए 33,062 वोटों के मार्जिन से चुनाव जीते हैं। इस सीट पर उस चुनाव में 65.77% मतदान हुआ था।

चांदनी चौक विधानसभा:

सेंट्रल दिल्ली का हिस्सा चांदनी चौक सीट भी मुस्लिम केंद्रित है मगर इसके बावजूद भी यहां से अभी तक कोई मुस्लिम विधायक नहीं चुना गया है। 1993 में इस सीट से भाजपा के वासुदेव कप्तान विधायक बने। वहीं 1998 से 2013 तक कांग्रेस के प्रह्लाद सिंह साहनी यहां से विधायक चुने जाते रहे। 2015 में AAP की तरफ से अलका लाम्बा चुनाव जीती थी। 2020 में दुबारा से यहां प्रह्लाद सिंह साहनी AAP के सिम्बल पर चुनाव जीत विधायक बने हैं। 

2020 के विधानसभा चुनाव में प्रह्लाद सिंह साहनी 50,891 वोट हासिल करते हुए 29,584 मार्जिन के साथ भाजपा प्रत्याशी से चुनाव जीते थे। उस चुनाव में इस सीट पर 61.43% मतदान दर्ज किया गया था। 

गांधी नगर विधानसभा:

पूर्वी दिल्ली का हिस्सा गांधी नगर सीट पर भी मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका में है मगर इसके बावजूद प्रत्याशी बनने के लिए मुसलमानों को तरसना पड़ता है। 1993 के चुनाव में यहां से भाजपा के दर्शन कुमार विधायक बने थे। वहीं कांग्रेस के सिम्बल पर अरविंदर सिंह लवली 1998 से 2013 तक लगातार चार बार विधायक चुने गए है। 2015 में AAP और 2020 में भाजपा की तरफ से अनिल कुमार बाजपेयी इस सीट से चुनाव जीत विधायक बने हैं। 

2020 के चुनाव में अनिल कुमार बाजपेयी ने केवल 6,079 वोटों के मार्जिन से AAP प्रत्याशी से चुनाव जीते थे। वही इस सीट पर उस चुनाव में 62.69% मतदान हुआ था। 

सीमापुरी (SC) विधानसभा:

मुस्लिम केंद्रित होने के बावजूद शाहदरा के तहत आने वाली सीमापुरी सीट को परिसीमन के तहत आरक्षित कर दिया गया है। इसलिए यहां से चाह कर भी कोई मुस्लिम प्रत्याशी चुनाव नहीं लड़ सकता है। 1993 में भाजपा के बलबीर सिंह और 1998 से 2008 तक तीन बार कांग्रेस के वीर सिंह धींगान इस सीट से विधायक चुने गए हैं। वहीं AAP के टिकट से 2013 में धर्मेंद्र सिंह और 2015 व् 2020 में राजेंद्र पाल गौतम इस सीट से विधायक बन चुके है। 

2020 के चुनाव में राजेंद्र पाल गौतम ने 88,392 वोट हासिल करते हुए 56,108 के मार्जिन से भाजपा के उम्मदीवार को हराया था। उस चुनाव में इस सीट पर 68.48% मतदान हुआ था। 

संगम विहार विधानसभा:

दक्षिण पूर्वी दिल्ली का हिस्सा संगम विहार विधानसभा सीट में भी मुस्लिम मतदाता निर्णायक है। परिसीमन के बाद 2008 में वजूद में आयी इस सीट पर 2008 में भाजपा के डॉ शिव गुप्ता विधायक चुने गए थे। वहीं 2013 से 2020 तक लगातार तीन बार से AAP के दिनेश मोहनिया विधायक चुने जा रहे है। 

2020 के चुनाव में दिनेश मोहनिया ने 75,345 वोट हासिल करते हुए जदयू प्रत्याशी को 42,522 के मार्जिन से चुनाव हराया था। वहीं इस सीट पर उस चुनाव में 62.2% मतदान हुआ था। 

करावल नगर विधानसभा:

उत्तर पूर्वी दिल्ली का हिस्सा करावल नागर विधानसभा में भी मुस्लिम मतदाता निर्णायक है मगर उससे भी ज्यादा इस सीट पर पूर्वांचली वोट सबसे ज्यादा हावी रहता है। इस सीट पर भाजपा का एक तरफा तौर पर कब्ज़ा है। भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट इस सीट से 5 बार, राम पाल एक बार विधायक चुने गए है। अभी के कट्टर भाजपाई नेता कपिल मिश्रा 2015 में AAP के सिम्बल पर यहां से विधायक रह चुका है। 

2020 के चुनाव में भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने आप के दुर्गेश पाठक को केवल 8,223 वोटों से मार्जिन से हराया था। उस चुनाव में इस सीट पर 67.55% मतदान हुआ था। 

निष्कर्ष:

दिल्ली की 11 विधानसभा सीटों पर सीधे तौर पर मुस्लिम मतदाता निर्णायक है जो चुनावी जीत हार को तय करता है। ये मुस्लिम समाज के समर्थन का नतीजा ही था जब कांग्रेस 2013 में दिल्ली में केवल आठ सीटें जीती थीं तो उसमें से चार मुस्लिम विधायक शामिल थे। 2013 के विधानसभा चुनावों में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में कांग्रेस को पांच और AAP को एक सीट मिली थी।

इसके बाद मुस्लिम समुदाय का वोट आम आदमी पार्टी के साथ चला गया था मगर दिल्ली दंगों के बाद से मुसलमानों का चुनावी रुझान दुबारा से बदला हुआ नजर आ रहा है। इसका नतीजा रहा कि लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस दिल्ली में भले ही एक सीट न जीत पाई हो लेकिन वोट फीसदी में वह AAP को पीछे छोड़ते हुए दूसरे नंबर पर रही है। वहीं MCD चुनाव में भी मुसलमानों ने AAP को छोड़ कांग्रेस को अपना समर्थन दिया था। मुस्लिम बहुल सीटों पर AIMIM फैक्टर को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। 

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