अभी तक भाजपा की तरफ से केवल इस बात का दावा किया जा रहा था कि अगर इंडिया गठबंधन चुनाव जीत गया तो वह मुसलमानों को देश के सारे संसाधन दे देगा मगर यूपी के मुख्यमंत्री महोदय तो इससे भी कई कदम आगे निकल कर कह रहे हैं की उत्तर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण में मुसलमान की जिन जातियों को शामिल किया गया है उनकी समीक्षा की जाएगी।
इसका सीधा अर्थ आप समझ लीजिये कि मुस्लिम विरोधी अपनी नफरत को जग जाहिर करते हुए उन्होंने सीधे तौर पर यह कह दिया है कि मुसलमान का ओबीसी आरक्षण से उत्तर प्रदेश में निकाल दिया जाएगा।
आगामी दिनों में ये हैरानी की बात नहीं होगी अगर यह भी कह दिया जाए कि आप हमें चुनाव में जितवा दीजिए उसके बाद हम देश के 15% मुसलमानों की संपत्ति छीन कर बाकि लोगों को दे देंगे।
खुद सोच कर देखिए कि मुसलमानों के बिना भाजपा की राजनीति का 1 मिनट के लिए भी कोई वजूद नहीं है। जो बीजेपी कभी 2014 में विकास के नाम पर देश की सत्ता में आई थी वह केवल और केवल हिंदू-मुसलमान और हर बात में मुसलमानों को दोषी ठहरा देने की अपनी निंजा टेक्निक पर ही सत्ता में वापस आने का ख्वाब देख रही है।
एक लखनऊ के पत्रकार हैं परवेज अहमद सोशल मीडिया पर पिछले कई महीनों से मुसलमानों को समीक्षा की नसीहत करते हुए यूपी में 75 से 77 लोकसभा सीटें भाजपा के खाते में डालते हुए आ रहे थे। कुछ दिन पहले ही उन्होंने पोस्ट में लिखा कि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा को वोट दिया है।
अब उनकी इस भाजपा के प्रति निष्ठा को देखते हुए इस यूपी में योगी सरकार ने उनके मुस्लिम समाज को रिटर्न गिफ्ट दे दिया है। अब बेचारे रिटर्न गिफ्ट पाकर इतने अभिभूत हुए हैं कि गहरी नींद में सो गए हैं।
एक और है वह पसमांदा मूवमेंट वाला फैयाज अहमद फैजी वह भी ओबीसी आरक्षण की समीक्षा की बात सुनकर किसी गुफा में छुप चुका है। उसे समझ में नहीं आ रहा है बोले तो बोले क्या, करे तो करे क्या!
बीजेपी का मुस्लिम विरोधी एजेंडा
कुल मिलाकर बात यह है कि बीजेपी मुस्लिम विरोधी अपने एजेंडे और अपनी नीतियों को इस चुनाव में पूरी तरीके से जग जाहिर कर चुकी है। उन्होंने 2024 के चुनाव में बता दिया है कि उनकी पूरी राजनीति ही मुसलमानों के अस्तित्व पर टिकी हुई है।
जो लोग कल तक कहते रहते थे ना कि मुसलमानों ने भाजपा से क्यों राजनीतिक बैर लिया हुआ है तो देख लीजिए यही उसकी असल वजह है।
जो भाजपा मुसलमान के अस्तित्व को देखकर ही भयंकर तकलीफ में आ जाती हो, उनके घर कारोबार पर बुलडोजर चला कर बर्बाद करने पर तुली हो, उनके युवाओं को काले कानून के तहत जेल में बंद कर देने पर उतारू हो, सामाजिक तौर पर भारत में सबसे पिछड़े हुए मुसलमान समाज के उत्थान के लिए जो OBC आरक्षण सहायक है उस आरक्षण को देखकर भी उनके कलेजे पर सांप लोटना शुरू हो जाता है उस भाजपा का विरोध मुसलमान आखिर क्यों नहीं करेगा?
वैसे तो भाजपाई सबका साथ सबका विकास की बातें करते हैं मगर उनकी बातें इनकी राजनीति की तरह ही खोखली है। केवल डर और सम्प्रदायकता की राजनीति से अपने सत्ता के शिखर पर टिकी रहना चाहती है। अपने राजा के तख़्त को बचाने के लिए ये दोगली भाजपा किसी भी दर्जे तक गिर सकती है।
देश के खूबसूरत सामाजिक ढांचे को सुरक्षित रखने के जिम्मेदारी अब देश के नागरिकों पर आ चुकी है। फैसला आपको करना है कि बंटवारे की राजनीती वाली भाजपा की राजनीति को किस पाताल में पहुंचाना है!