आखिरकार औपचारिक तौर पर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस (Congress) और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के दरमियान लोकसभा चुनाव 2024 के लिए गठबंधन हो चुका है। इसी के तहत सीटों का बंटवारे का ऐलान करते हुए कहा गया है कि इंडिया गठबंधन (India Alliance) के तहत 17 सीटों पर कांग्रेस (INC) चुनाव लड़ेगी। वहीं 63 सीटों पर समाजवादी पार्टी (SP) और अन्य गठबंधन के दल चुनाव लड़ेंगे।
जिन सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी वह इस प्रकार है:
- अमेठी
- रायबरेली
- बाराबंकी
- सहारनपुर
- कानपुर
- अमरोहा
- फतेहपुर सीकरी
- प्रयागराज
- महाराजगंज
- देवरिया
- सीतापुर
- बांसगांव
- बुलंदशहर
- झांसी
- मथुरा
- वाराणसी
- गाजियाबाद
अमेठी
सबसे पहली सीट जो कांग्रेस को गठबंधन के तहत मिली है वो है अमेठी। इस लोकसभा के तहत पांच विधानसभा सीटों आती है। तिलोई, सलोन (SC), जगदीशपुर, गौरीगंज और अमेठी इस लोकसभा के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें हैं। राहुल गांधी यहां से लगातार तीन बार सांसद चुने गए हैं मगर 2019 में उनको भाजपा प्रत्याशी स्मृति ईरानी ने चुनाव हरा दिया था।
AC No | AC Name | District |
178 | Tiloi | Amethi |
181 | Salon (SC) | Amethi |
184 | Jagdishpur (SC) | Amethi |
185 | Gauriganj | Amethi |
186 | Amethi | Amethi |
इस सीट के अगर समीकरण की बात की जाए तो यहां पर 26.5% दलित मतदाता और 19% मुस्लिम वोटर चुनावी गणित में निर्णायक भूमिका निभाते है। अगर मैं विधानसभा के हिसाब से बात करूं तो तिलोई, सलोन (SC), जगदीशपुर तीन विधानसभा सीटों से हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा की उम्मीदवार जीते हैं। वहीं गौरीगंज और अमेठी से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विजेता रहे हैं।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Tiloi | MAYANKESHWAR SHARAN SINGH | BJP |
Salon (SC) | ASHOK KUMAR | BJP |
Jagdishpur (SC) | SURESH KUMAR | BJP |
Gauriganj | RAKESH PRATAP SINGH | SP |
Amethi | MAHARAJI PRAJAPATI | SP |
अगर 2022 के विधानसभा के हिसाब से देखा जाए तो इस लोकसभा में भाजपा का वोट प्रतिशत 41.8 है। वहीं समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का मिलाकर यहां पर वोट 49.5 फ़ीसदी है। वहीं इसी के साथ स्मृति ईरानी को लेकर जमीनी सतह पर एक सत्ता विरोधी माहौल भाजपा के लिए परेशानी का सबब बन सकता है। राहुल गांधी को लेकर ग्राउंड पर एक समर्थन और भावनात्मक लहर है। तो ऐसे में अगर राहुल गांधी दुबारा इस सीट से चुनाव लड़ते हैं तो उनकी जीत के चांस काफी हद तक मजबूत माने जा सकते हैं।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 41.8 | 35.2 | 4.6 | 14.3 |
2019 Parliament | 49.9 | 0 | 0 | 44.1 |
2014 Parliament | 34.4 | 0 | 6.6 | 46.7 |
2009 Parliament | 5.8 | 0 | 14.5 | 71.8 |
रायबरेली
दूसरी सीट रायबरेली लोकसभा सीट है। रायबरेली को गांधी परिवार की पारंपरिक सीट माना जाता है। यहां से सोनिया गांधी लगातार 2004 से चुनाव जीतती हुई आ रही है। उनसे पहले इंदिरा गांधी भी इस सीट से संसद में नुमाइंदगी कर चुकी हैं।
अगर चुनावी समीकरण की बात करें तो ये लोकसभा सीट प्रदेश की दलित बहुल सीटों में शुमार होती है। इस सीट में 30% दलित मतदाता किसी भी चुनावी जीत में अहम भूमिका निभाते हैं। वहीं 12% मुस्लिम आबादी भी निर्णायक भूमिका में मौजूद है।
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें बछरावां (SC), हरचंदपुर, रायबरेली, सरेनी और ऊंचाहार शामिल हैं। अगर मैं विधानसभा में इस लोकसभा सीट के तहत आने वाली विधानसभा सीटों की नुमाइंदगी की बात करूं तो केवल रायबरेली की सीट को छोड़कर चारों सीटों पर समाजवादी पार्टी का कब्जा है। वहीं रायबरेली की सीट भाजपा के प्रत्याशी द्वारा जीती गई है और यह प्रत्याशी भी पूर्व कांग्रेसी अदिति सिंह हैं।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Bachhrawan (SC) | SHYAM SUNDER | SP |
Harchandpur | RAHUL RAJPOOT | SP |
Rae bareli | ADITI SINGH | BJP |
Sareni | DEVENDRA PRATAP SINGH | SP |
Unchahar | MANOJ KUMAR PANDEY | SP |
अगर पिछले विधानसभा चुनाव को देखा जाए तो यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का वोट शेयर लगभग 51% है। वहीं अगर 2019 के लोकसभा को लिया जाए तो यहां पर सोनिया गांधी को 56.5 फ़ीसदी वोट मिले थे। तो इसलिए कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि इस सीट पर कांग्रेस की जीत तय है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 29.8 | 37.6 | 9.6 | 13.2 |
2019 Parliament | 38.7 | 0 | 0 | 56.5 |
2014 Parliament | 21.1 | 0 | 7.7 | 63.8 |
2009 Parliament | 3.8 | 0 | 16.4 | 72.2 |
मगर चुनावी गणित में एक पेंच ये फंस गया है कि हाल ही में सोनिया गांधी राजस्थान से राज्यसभा चली गई है। अब राजनीतिक हलकों में इस बात की चर्चा बहुत जोरों शोरों से है कि शायद इस सीट से प्रियंका गांधी चुनाव लड़ेंगी। गांधी परिवार से कोई भी यहाँ से चुनाव लड़े, यह सीट कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जाती है तो इस लिए यहाँ कांग्रेस प्रत्याशी की जीत तय मानी जा सकती है।
बाराबंकी (SC)
तीसरी लोकसभा सीट जो हालिया चुनावी समीकरण में कांग्रेस की सबसे मजबूत सीट मानी जा रही है वह बाराबंकी लोकसभा सीट है। ये लोकसभा सीट दलित समुदाय के लिए आरक्षित है। पिछले दो लोकसभा चुनाव से यहां से भाजपा के उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं। वहीं 2009 में कांग्रेस प्रत्याशी पीएल पुनिया यहां से सांसद चुने गए थे।
इस सीट के अगर समीकरण देखेंगे तो यहां पर 25.7% दलित मतदाता के साथ 23% मुस्लिम वोटर चुनावी मैदान में अहम भूमिका निभाते है। इस लोकसभा के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें कुर्सी, रामनगर, बाराबंकी, जैदपुर (SC) और हैदरगढ़ (SC) सीट आती है। अगर मैं विधानसभा के हिसाब से देखा जाये तो कुर्सी और हैदरगढ़ जहां भाजपा के कब्जे में है वहीं रामनगर, बाराबंकी और जैदपुर में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी विधानसभा चुनाव जीते थे।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Kursi | SAKENDRA PRATAP | BJP |
Ram Nagar | FAREED MAHFOOZ KIDWAI | SP |
Barabanki | DHARMRAJ SINGH YADAV | SP |
Zaidpur (SC) | GAURAV KUMAR | SP |
Haidergarh (SC) | DINESH RAWAT | BJP |
वहीं अगर वोट शेयर की बात की जाए तो हालिया विधानसभा चुनाव को देखते हुए यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का मिलाकर वोट शेयर 45.6 फ़ीसदी बनता है जो भाजपा के वोट शेयर से पांच फीसदी ज्यादा है। वहीं अगर मैं 2019 के लोकसभा के हिसाब से बात करूं तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस दोनों पार्टियों का मिलाकर वोट शेयर यहां पर 51 फ़ीसदी है जो किसी भी उम्मीदवार को चुनाव में जितवाने में कारगर साबित हो सकता है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 41.2 | 42.2 | 10.2 | 3.4 |
2019 Parliament | 46.7 | 37.1 | 0 | 13.9 |
2014 Parliament | 42.5 | 14.9 | 15.6 | 22.7 |
2009 Parliament | 6.4 | 21.6 | 21.5 | 44.2 |
सहारनपुर
सहारनपुर लोकसभा सीट को यूपी की मुस्लिम बहुल सीटों में शुमार किया जाता है। यहां पर 42 फ़ीसदी मुस्लिम आबादी और 22 फ़ीसदी दलित आबादी किसी भी प्रत्याशी की जीत हार में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। फिलहाल यहां पर यहां से बसपा के हाजी फजलुर रहमान सांसद हैं और राजनीतिक हल्का में इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि वह कांग्रेस ज्वाइन करके कांग्रेस की तरफ से इस बार लोकसभा के चुनाव लड़ेंगे। वहीं इमरान मसूद भी टिकट के तगड़े दावेदार हैं।
इस लोकसभा सीट में पांच विधानसभा सीटें हैं बेहट, सहारनपुर नगर, सहारनपुर, देवबंद और रामपुर मनिहारन। इनमें से बेहट और सहारनपुर की सीट समाजवादी पार्टी के पास और देवबंद, रामपुर मनिहारन और सहारनपुर नगर भाजपा के कब्जे में हैं। इस सीट को अमूमन बसपा के मजबूत गढ़ के तौर पर माना जाता है मगर मौजूदा चुनावी समीकरण कहीं ना कहीं इंडिया गठबंधन के पक्ष में नजर आ रहे हैं।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Behat | UMAR ALI KHAN | SP |
Saharanpur Nagar | RAJEEV GUMBER | BJP |
Saharanpur | ASHU MALIK | SP |
Deoband | BRIJESH | BJP |
Rampur Maniharan (SC) | DEVENDER KUMAR NIM | BJP |
अगर 2019 के पार्लियामेंट चुनाव के हिसाब से बात की जाये तो इस सीट पर भाजपा को 40% वोट मिला था, वहीं बीएसपी को 42% और कांग्रेस ने 17 फ़ीसदी वोट हासिल किया था। हालिया विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यहां से 35.5 फ़ीसदी वोट हासिल किया है। अगर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के वोट शेयर को मिला लिया जाए तो काफी हद तक इस लोकसभा सीट पर जीत के समीकरण बन सकते हैं। मगर यहां से चुनाव जीतने के लिए एक बात तय है कि यहां पर दलित वोट को कांग्रेस को अपनी तरफ करना होगा तो इस सीट को बहुत आसानी के साथ जीता जा सकता है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 38.1 | 35.5 | 18.2 | 0.6 |
2019 Parliament | 40 | 0 | 41.9 | 16.9 |
2014 Parliament | 39.6 | 4.4 | 19.7 | 34.2 |
2009 Parliament | 12.2 | 32.9 | 43.2 | 7.6 |
कानपुर
पांचवी सीट जो गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से आई है वह कानपुर की सीट। कानपुर लोकसभा के लिए कहा जाता है कि यहां मुस्लिम ब्राह्मण वोट ही चुनावी तौर पर सबसे निर्णायक भूमिका में है। जहां इस सीट पर स्वर्ण वोटर का रुझान कांग्रेस से हट भाजपा के पक्ष में हो चुका है वहीं मुस्लिम मतदाता अभी भी गठबंधन के साथ खड़ा है।
इस लोकसभा के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें गोविंद नगर, सीसामऊ, आर्य नगर किदवई नगर और कानपुर कैंट है। यह लोकसभा उन सीटों में शुमार होती है जहां पर हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा के मुकाबले में समाजवादी पार्टी ज्यादा मजबूत थी। गोविंद नगर और किदवई नगर में जहां भाजपा प्रत्याशी चुनाव जीते थे वहीं सीसामऊ, आर्य नगर और कानपुर कैंट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार चुनाव जीतकर आए थे।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Govindnagar | SURENDRA MAITHANI | BJP |
Sishamau | HAJI IRFAN SOLANKI | SP |
Arya Nagar | AMITABH BAJPAI | SP |
Kidwai Nagar | MAHESH KUMAR TRIVEDI | BJP |
Kanpur Cantt. | MOHAMMAD HASAN | SP |
इस लोकसभा सीट पर पिछले दो बार से भाजपा उम्मीदवार सांसद बनते आ रहे हैं वहीं उससे पहले कांग्रेस के लोकसभा सांसद चुने जा चुके हैं। जहां तक बात की जाए पिछले विधानसभा चुनाव के वोट प्रतिशत की तो समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का वोट फीसदी मिलाकर भाजपा के बराबर ही बैठता है और अगर चुनावी समीकरण एक तरफ रहे तो इस बात की उम्मीद है कि कानपुर की सीट कांग्रेस जीत सकती है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 49.4 | 33 | 2.2 | 13.9 |
2019 Parliament | 55.9 | 5.7 | 0 | 37.3 |
2014 Parliament | 56.8 | 3.1 | 6.4 | 30.2 |
2009 Parliament | 38.2 | 6.8 | 9.4 | 41.9 |
अमरोहा
अमरोहा लोकसभा सीट उत्तर प्रदेश की उन सीटों में शुमार है जिसे मुस्लिम बहुल सीट माना जाता है। यहां का मुस्लिम दलित समीकरण किसी भी प्रत्याशी के चुनाव जीतने पर मोहर लगता है। समीकरण के हिसाब से देखे तो यहां पर 39% मुस्लिम वोट और 18% दलित वोट है।
लोकसभा 2019 के चुनाव में बसपा से यहां से कुंवर दानिश अली चुनाव जीतकर सांसद बने थे वहीं 2014 में यहां से भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीत चुके हैं। इस लोकसभा के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें धनौरा (SC), नौगांव सादात, अमरोहा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर हैं। इनमें से धनौरा, हसनपुर और गढ़मुक्तेश्वर भाजपा के कब्जे में है वहीं नौगांव सादात, अमरोहा समाजवादी पार्टी द्वारा जीती गई है।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Dhanaura (SC) | RAJEEV KUMAR | BJP |
Naugawan sadat | SAMARPAL SINGH | SP |
Amroha | MEHBOOB ALI | SP |
Hasanpur | MAHENDRA | BJP |
Garhmukteshwar | HARENDRA SINGH | BJP |
अगर अगर पिछले विधानसभा चुनाव के चुनावी नतीजे के हिसाब से देखा जाए कि यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का वोट शेयर भाजपा के मुकाबले में काफी ज्यादा है जो चुनावी मैदान में जीतने की संभावना को बढ़ा देता है। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी सपा बसपा गठबंधन में गठबंधन प्रत्याशी को 50 फ़ीसदी से ऊपर वोट हासिल हुआ था जो इस सीट पर जीत की संभावना को और भी प्रबल बना देता है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC | RLD |
2022 Assembly | 40 | 41.4 | 15.4 | 0.6 | 0 |
2019 Parliament | 46.2 | 0 | 51.8 | 0 | 0 |
2014 Parliament | 48.3 | 33.8 | 14.9 | 0 | 0.9 |
2009 Parliament | 0 | 27.1 | 24.1 | 2.4 | 40.1 |
फतेहपुर सीकरी
आगरा जिला के तहत आने वाली फतेहपुर सीकरी लोकसभा सीट एक ग्रामीण सीट मानी जाती है। 2009 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में ये सीट समीकरण के हिसाब से दलित केंद्रित सीट मानी जाती है जबकि 10% मुस्लिम मतदाता भी चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
आगरा जिले की पांच विधानसभा सीटें आगरा ग्रामीण, फतेहपुर सीकरी, खैरागढ़, फतेहाबाद और बाह इस लोकसभा के अंतर्गत आती है। पिछले दो बार से यहां से भाजपा के उम्मीदवार लोकसभा का चुनाव जीत रहे हैं। वहीं 2009 में यहां पर बसपा उम्मीदवार चुनाव जीते थे। यहां की सभी पांच विधानसभ सीटों पर पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार ने जीत हासिल की थी।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Agra Rural (SC) | BABY RANI MAURYA | BJP |
Fatehpur sikari | BABULAL | BJP |
Kheragarh | BHAGWAN SINGH KUSHWAHA | BJP |
Fatehabad | CHHOTEY LAL VERMA | BJP |
Bah | RANI PAKSHALIKA SINGH | BJP |
वोट शेयर के हिसाब से भी देखा जाए तो यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का वोट से काफी कम है वहीं पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यहां से 65 फ़ीसदी वोट हासिल किया था जो यहां पर चुनाव जीतने की संभावना को धूमिल करता है। अगर 2009 के लोकसभा चुनाव के हिसाब से देखें तो उसे समय कांग्रेस के पास यहां पर 29% वोट और सपा के पास 16% वोट शेयर होता था मगर हालिया समय में वोट का एक तरफा रुझान इस सीट पर जीतने की संभावना को काफी कम कर देता है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC | RLD |
2022 Assembly | 47.8 | 9.8 | 21.6 | 6 | 11.8 |
2019 Parliament | 65 | 0 | 16.4 | 16.7 | 0 |
2014 Parliament | 44.1 | 22 | 26.2 | 0 | 2.5 |
2009 Parliament | 22.2 | 15.8 | 30.2 | 28.7 | 0 |
प्रयागराज
एक और अहम सीट जो गठबंधन के तहत कांग्रेस के हिस्से आई है वह इलाहाबाद की लोकसभा सीट है। इस सीट पर 14% मुस्लिम मतदाता और 21% दलित वोटर चुनावी समीकरण में अहम भूमिका निभाते हैं। पिछले दो बार थे यहां से भाजपा उम्मीदवार चुनाव जीत रहे हैं वहीँ 2009 में यहां से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी सांसद बन चुके हैं।
इस लोकसभा के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें मेजा, करछना, इलाहाबाद दक्षिण, बारा (SC) और कोरांव (SC) शामिल हैं। इनमें से तीन सीटें भाजपा के कब्जे में और एक सीट पर समाजवादी पार्टी और एक सीट पर अपना दल का कब्जा है।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Meja | SANDEEP SINGH | SP |
Karchhana | PIYUSH RANJAN NISHAD | BJP |
Allahabad South | NAND GOPAL GUPTA “NANDI” | BJP |
Bara (SC) | VACHASPATI | Apna Dal (S) |
Koraon (SC) | RAJ MANI | BJP |
अगर हालिया विधानसभा चुनाव के हिसाब से वोट शेयर की बात की जाए तो यहां पर कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का वोट शेयर 41 फ़ीसदी के करीब है जो भाजपा के वोट शेयर से 6 फ़ीसदी ज़्यादा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में 56 फ़ीसदी के साथ भाजपा उम्मीदवार यहां से एकतरफ़ा तौर पर जीत गया था। वहीं अगर 2014 के लोकसभा चुनाव को देखा जाए तो यहां पर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस का एकजुट वोट शेयर भाजपा से काफी ज्यादा है। गांधी परिवार का इलाहाबाद से खास लगाव और ऐतिहासिक जुड़ाव इस सीट को और भी रोचक बना देता है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 35.3 | 37.4 | 10 | 3.3 |
2019 Parliament | 56.1 | 35.2 | 0 | 3.6 |
2014 Parliament | 35.2 | 28.2 | 18.2 | 11.5 |
2009 Parliament | 11.1 | 38.1 | 31.7 | 6.7 |
महाराजगंज
गठबंधन के तहत महाराजगंज की लोकसभा सीट भी कांग्रेस के हिस्से में आई है। कांग्रेस की तरफ से 2009 में यहां से हर्षवर्धन चुनाव जीत चुके हैं मगर इस लोकसभा सीट पर 1991 से अभी तक छह बार भाजपा के पंकज चौधरी एकतरफ़ा तौर पर चुनाव जीतते आ रहे हैं। उनकी जीत का मार्जिन भी इतना ज्यादा है उसे पार पाना हालिया चुनावी गणित में बेहद मुश्किल लगता है।
अगर इस लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों की बात करी जाए तो उनमें फरेंदा, नौतनवां, सिसवां, महाराजगंज (SC) और पनियारा सीटें शामिल हैं। यहां पर 17% मुस्लिम और 18 फ़ीसदी दलित मतदाता चुनावी राजनीति में अहम भूमिका निभाते हैं। अगर विधानसभा सीटों की बात की जाए तो यहां पर तीन सीटों पर भाजपा, एक सीट पर निषाद पार्टी और एक सीट कांग्रेस के कब्जे में है।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Pharenda | VIRENDRA CHAUDHARY | INC |
Nautanwa | RISHI | NISHAD |
Siswa | PREMSAGAR PATEL | BJP |
Maharajganj (SC) | JAY MANGAL | BJP |
Paniyara | GYANENDRA SINGH | BJP |
हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां से लगभग 40 फ़ीसदी वोट मिला था वहीं सपा और कांग्रेस का वोट शेयर मिलने के बाद भी लगभग 28% के आसपास बैठता है। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी ने एकतरफ़ा तौर पर यहां जीत हासिल की थी। इसलिए कुल मिला कर बात ये है कि इस सीट पर जीत की संभावना काफी कम नजर आती है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 39.8 | 19 | 12.9 | 8.5 |
2019 Parliament | 59.7 | 31.7 | 0 | 6 |
2014 Parliament | 44.7 | 20.3 | 21.9 | 5.4 |
2009 Parliament | 20.6 | 12.7 | 21.7 | 36.4 |
देवरिया
दो जिले कुशीनगर और देवरिया के इलाकों से मिलकर बनी देवरिया लोकसभा सीट पिछले दो बार से भाजपा की झोली में जा रही है। वहीं 2009 में यहां से बसपा उम्मीदवार भी चुनाव जीत चुके हैं। इस सीट पर 14% मुस्लिम मतदाता और 14 फीसदी ही दलित मतदाता चुनावी राजनीति में काफी अहम हैं।
इस लोकसभा सीट के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें तमकुहीराज, फाजिलनगर, देवरिया, पथरदेवा और रामपुर कारखाना शामिल हैं। इन सभी पांच विधानसभा सीटों पर हालिया विधानसभा चुनाव ने भाजपा ने जीत हासिल की है।
AC Name | Name of the MLA | Party |
Tamkuhi raj | ASIM KUMAR | BJP |
Fazilnagar | SURENDRA KUMAR KUSHWAHA | BJP |
Deoria | SHALABH MANI TRIPATHI | BJP |
Pathardeva | SURYA PRATAP SHAHI | BJP |
Rampur karkhana | SURENDRA CHAURASIA | BJP |
अगर वोट शेयर के हिसाब से देखें तो हालिया विधानसभा चुनाव में भाजपा को यहां पर लगभग 50 फ़ीसदी वोट मिला था। वहीं 2019 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा यहां से 58 फ़ीसदी वोट हासिल की थी। वोट शेयर के हिसाब से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस यहां पर भाजपा के मुकाबले में कहीं दिखाई नहीं देती है और ध्रुवीकरण की राजनीति में इस सीट को जीतना और भी मुश्किल है।
Year of Election | BJP | SP | BSP | INC |
2022 Assembly | 49.3 | 30.9 | 12 | 4 |
2019 Parliament | 58 | 0 | 32.9 | 5.1 |
2014 Parliament | 51.1 | 15.5 | 23.8 | 3.9 |
2009 Parliament | 24.9 | 21.2 | 30.7 | 12.8 |