2024 का चुनाव और हिंदू खतरे में ?

पहले तीन चरण के चुनाव में मतदान (Voting) अपने खिलाफ होते देखा भाजपा (BJP) ने एक बार फिर से “हिंदू खतरे है” वाला अपना राग अलापना शुरू कर दिया है।

हैरान मत होइए इसके सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर खुद पीएम मोदी (PM Modi) है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जब पूरे देश में आचार संहिता लगी है ऐसे में अचानक से प्रधानमंत्री की एक एडवाइजरी काउंसिल मुसलमान और हिंदू समुदाय के जनसंख्या के ऊपर एक भ्रमित करने वाली रिपोर्ट पेश करती है।

सबसे खास बात यह है कि मौजूदा सत्ताधारी सरकार की रखैल बन चुकी जोम्बि मीडिया (Godi Media) पहले से ही तैयार बैठी थी कि कुछ तो दीजिए साहब हम कैसे माहौल बना दे आपके पक्ष में। आखिर माहौल बनाने के लिए उन्होंने उस रिपोर्ट को बुनियाद बनाकर प्रतिशत का प्रतिशत निकाल दिया।

ऐसे दिखाया गया कि 14% मुसलमान अचानक से कुछ सालों में देश का बहुसंख्यक बन जाएगा। अपनी चुनावी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए भाजपा द्वारा हिंदुओं को एक बार फिर से खतरे में बताया जा रहा है।

जिस मोदी सरकार (Modi Govt) की बुनियाद विकास के नाम पर हुई थी वह 10 साल देश में शासन करने के बावजूद अपने विकास के नाम पर वोट नहीं मांग का रहा है।

सारे तरीके फेल होने के बाद अपने तुरुप के इक्के हिंदू मुसलमान और हिंदू खतरे में है का राग अलापना शुरू कर दिया है। इनको लगता है कि शायद देश की अधिकतर आबादी बेवकूफ है, उसे जो भी घुट्टी पिलाएंगे वह पी लेगी। कोई भी फर्जी रिपोर्ट बनाएंगे जनता उसको सच मान लेगी।

सोचिए इस सरकार को इस देश में 2021 में जनगणना करवानी थी मगर 2024 तक कोई जनगणना का अता-पता नहीं मगर जनगणना के आधार पर ही पड़ोसी मुल्कों के साथ कंपेरिजन करने वाले आंकड़े जारी करके अपने राजनीतिक गुणा गणित को साधने की कोशिश की जा रही है।

जिस रिपोर्ट के आधार पर हिंदुओं को खतरे में बताया जा रहा है उसकी सच्चाई आप एक लाइन में ऐसे समझ लीजिए कि मौजूदा समय में मुसलमान समुदाय का प्रजनन दर इस देश में सबसे ज्यादा घटा है, जो प्रजनन दर कभी 4.6 होता था वो अभी 2.3 है। वही हिंदू समुदाय का प्रजनन दर जो 3.3 था वह इस टाइम 2.1 है।

मगर इसके बावजूद अपने सत्ता को प्यार करने वाले भाजपाई आपके पास आएंगे और आपको बोलेंगे कि हिंदू खतरे में है। भाई साहब हिंदू खतरे में नहीं बल्कि उनकी कुर्सी खतरे में है जिसको पाने के लिए यह कुछ भी करने को उतारू हो चुके हैं।

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