मुख्तार अंसारी को जबरन मुस्लिम नेता साबित करने वाला दिल्ली और लखनऊ का मीडिया यह कैसे भूल जाता है कि जिस गाज़ीपुर जिले में मुख्तार अंसारी और उनके परिवार की राजनीति चलती है वहां पर केवल 10% ही मुस्लिम आबादी है।
ऐसे में मुख्तार अंसारी को मुस्लिम नेता के साथ माफिया का टैग देना राजनीतिक तौर पर किसी एक खास पार्टी को बहुत सूट करता है। उनके राजनीतिक हितों को फायदा देता है। ताकि वह लोगों को समझा सके कि यह देखो यह मुस्लिम माफ़िया था हमने इसको मिट्टी में मिला दिया।
जब कि हकीकत में पूछेंगे तो मुख्तार अंसारी और उनके परिवार की पूरी राजनीति मुस्लिम मतदाता के सहारे है ही नहीं। जिस जिले में केवल 10% मुस्लिम आबादी हो वहां से उनके भाई कैसे सांसद बन जाते हैं! कैसे उनका बड़ा भाई वहां से विधायक बन जाता है! कैसे उनका बेटा और भतीजा विधायक बन जाता है!
तो यह जो माफिया के साथ मुस्लिम नेता का टैग है यह राजनीतिक हितों को साधने का जरिया है और कुछ नहीं। मऊ गाजीपुर की गरीब जनता के लिए मुख्तार अंसारी मसीहा ही थे अब दिल्ली और लखनऊ में बैठा मीडिया कुछ भी कहे क्या फर्क पड़ता है!