राइट विंग और आईटी सेल जिसका इकलौता का झूठ की बुनियाद पर समाज में नफरत फैलाना और आग लगाना है उसने इसमें मामले में भी झूठ की चरम सीमा को पार कर दिया है।
सेंसस ऑफ इंडिया (Census of India) के 2001 के डेटा के अनुसार हल्द्वानी (Haldwani) की कुल जनसंख्या 4,97,869 थी। इसमें 3,98,829 हिंदू, 80,436 मुस्लिम, 2,477 ईसाई, 15,568 सिख, 131 बौद्ध, 305 जैन, अन्य धर्म को मानने वाले 55 वहीं, 68 लोग ऐसे थे जिन्होंने धर्म से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की थी।
सेंसस ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार 2001 में हल्द्वानी में मुस्लिम आबादी 80,436 थी।
सेंसस ऑफ इंडिया के 2011 के डेटा के अनुसार हल्द्वानी की कुल जनसंख्या 3,64,129 थी। इसमें 2,87,015 हिंदू, 67,559 मुस्लिम, 2,423 ईसाई, 6,514 सिख, 56 बौद्ध, 248 जैन, अन्य धर्म को मानने वाले 108 वहीं, 206 लोग ऐसे थे जिन्होंने धर्म से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं की थी।
सेंसस ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार 2011 में हल्द्वानी में मुस्लिम आबादी 67,559 थी।
स्पष्ट है कि इन नफरती जोम्बीज का दावा कि 20 साल पहले हल्द्वानी में महज 1000 मुस्लिम (Muslim) आबादी थी, पूरी तरह गलत और झूठा है।
सेंसस ऑफ़ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक तो उल्टा हल्द्वानी में मुस्लिम आबादी 2001 के मुकाबले में 2011 में कम हुई है जबकि इन कट्टर पंथियों का दावा था मुस्लिम आबादी 1000 से बढ़कर सीधा 1 लाख हो गई है।