जब हेमंत सोरेन मुसलमानों से वोट मांगने आयें…..तो बस एक सवाल पूछ लीजियेगा!
अपनी नबी की गुस्ताखी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले झारखंड के मुसलमानों पर आखिर क्यों इसी हेमंत सोरेन की सरकार ने 10 जून 2022 को गोली चलवा दी थी।
हमारी कौम के दो मुस्लिम लड़कों, 15 वर्षीय मुदस्सिर और 21 वर्षीय साहिल अंसारी को हेमंत सोरेन की झारखंड पुलिस ने पॉइंट ब्लैंक पर गोली मार कर हत्या कर दी थी।
मामला यहीं नहीं थमा था बल्कि इसी झामुमो और कांग्रेस की सेकुलर सरकार ने सैंकड़ों मुस्लिम युवाओं के खिलाफ एक मुश्त मुकदमा कर के जेलों में भेज दिया था।
मुदस्सिर और साहिल के परिवार की लाख मिन्नतों के बावजूद पुलिस ने FIR नहीं दर्ज की थी। पुलिस की इस प्रताड़ना में 20 से ज्यादा लोग जख्मी हुए थे।
मुसलमानों से एक तरफ़ा वोट की उम्मीद करने वाली हेमंत सोरेन सरकार ने इस मामले में हजारों मुस्लिम लोगों के खिलाफ गंभीर दंडात्मक धाराओं के तहत 25 से ज्यादा FIR दर्ज की थी।
सोचो जिन सेकुलर पार्टियों के लिए हमारे दीनी रेहनुमा वोट की अपील करते थकते नहीं है वो इन सब मामलों में खामोश हो जाते है।
हेमंत सोरेन सरकार की इस प्रताड़ना के खिलाफ APCR ने पीड़ित मुस्लिम परिवारों को अपनी लीगल मदद दी थी जिसमें गिरफ्तार 7 मुस्लिम लड़कों बलाल अंसारी, आरिफ खान, नवाब चिश्ती, रमजान, मोहम्मद अरमान हुसैन, मोहम्मद माज को हाई कोर्ट से बेल करवाई थी।
अब आप बताओ एक तरफ भाजपा मुसलमानों के खिलाफ नफरती कैंपेन के तहत उनको घुसपैठिया, बांग्लादेशी और रोहिंग्या बता कर अपनी राजनीति चमका रही है,
वहीं दूसरी तरह हेमंत सोरेन की अगुआई सेकुलर सरकार भी मुसलमानों को प्रताड़ित करते हुए सीधे गोली मारने का काम करती है।