क्या न्यायपालिका भी सत्ता पक्ष से प्रभावित होती है

आप क्रोनोलॉजी समझिए

  • सभी राजनीतिक तौर पर संवेदनशील केस सुप्रीम कोर्ट की केवल एक बेंच को ही मिलते हैं जिसमें जस्टिस बेला त्रिवेदी प्रमुख भूमिका में होती है।
  • आज हेमंत सोरेन मामले में भी सुनवाई जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ही करेगी।
  • उमर खालिद की जमानत याचिका की सुनवाई भी जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच ने ही कल 13वीं बार स्थगित की है।
  • यहां ध्यान रहे कि जस्टिस बेला त्रिवेदी गुजरात की मोदी सरकार में लॉ सेक्रेटरी रह चुकी हैं।

किसी भी विपक्षी पार्टी का राजनीतिक मामला हो घुमा फिरा कर जस्टिस बेला त्रिवेदी की बेंच को ही दिया जाता है। क्या यह सभी बातें किसी एक खास तरफ इशारा तो नहीं करती है!

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