कांवड़ यात्रा में राजा का आदेश है “सामान बेचना है तो नाम दिखाओ”

उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा के मद्देनजर सभी दुकानों और ठेलियों के ऊपर मालिक का लिखना अनिवार्य कर दिया गया है। हिन्दू मुसलमान की राजनीती ने देश में दुकानों और फलों को भी हिन्दू मुस्लमान में बांट दिया है।

भाजपा की फूट डालो राज करो की राजनीति में आगामी दिनों में कुछ ऐलान होने की संभावना है। जरा ध्यान से सुनिए ये नफरती क्या ज्ञान देने वाले है।

भाजपाई जमूरों और नफरती जोमबीज़ का ऐलान

भाजपाई लटकनों ने ऐलान किया है कि वो आईन्दा अपनी शादियों में दुलहन और रिश्तेदारों के लिए लहंगे की खरीद नहीं करेंगे। अब बताओ भला चांदनी चौक और फरुखाबाद के मुसलमानों के बने लहंगों से सुंदर कैसे दिखा जाये!

बिलकुल ऐसे ही बनारसी साड़ी जो हर किसी की पहली पसंद होती है उसका भी बॉयकॉट किया जायेगा। अब आखिर मुल्लों की कारीगरी से बनी इस साड़ी को कैसे बर्दाश्त किया जा सकता है!

आगामी दिनों में उत्तर भारत के लौंडे कॉटन की बनी टी शर्ट को फाड़ कर फेंक देंगे। अब बताओ भला तमिलनाडु के तिरुपुर के मुसलमानों के कंट्रोल वाली कॉटन की टी शर्ट कैसे पहन सकते हैं!

आज के बाद बड़े शौक से रेड टेप का जूता पहनने वाले भाजपाई जमूरे नंगे पैर चलने का प्रण ले चुके है। वजह स्पष्ट है एक मियां मिर्ज़ा के मालिकाना वाली कंपनी का जूता कैसे पहन सकते हैं!

ऐलान होगा कि बंगलौर में रहने वाले सभी भाजपाई नमूने अपने फ्लैट अपने हाथों से तोड़ डालेंगे। अब बेचारे एक मुसलमान इरफ़ान की कंपनी द्वारा बनाये फ्लैट में रहने का पाप थोड़े करेंगे!

जिस उत्तर भारत में शाकाहार के नाम पर एक बड़ी गिनती सैंडविच बड़े मजे से खाती है वो आज के बाद ब्रेड को अपनी फ्रिज से निकाल कर जरूर फेंक देगी। यार खुद सोचो न एक मुस्लिम ताब सिद्दीक़ी की कंपनी की बनी ब्रेड इनके हलक से कैसे नीचे उतरेगी।

भाजपाई जॉम्बी बिलकुल बाहुबली टाइप की शपथ ले कर ऐलान कर चुके हैं कि अब चाहे कोई इनका सगा बिना दवा के मर ही क्यों न जाये मगर एक मुसलमान युसूफ की कंपनी सिप्ला की बनी किसी दवा का इस्तेमाल कभी नहीं करेंगे!

मुल्लों के विरोध की पराकाष्ठा पर पहुँचते ही सभी भाजपाई जमूरों ने ऐलान किया है कि अब वो पेट्रोल और डीज़ल की जगह पानी डाल कर गाडी चलाएंगे। पानी अब नल का इस्तेमाल करें अथवा किसी और जगह का ये उनकी अपनी मर्जी है।

अब सोचिये सबका जोर केवल गरीबों और मुसलमानों तक ही सीमित है। अमीरों को कुछ भी बोलने में इनकी टांगे ब्रेक डांस करने लगती है।

भाजपा सरकारों की इस हिन्दू मुसलमान की राजनीती पर आपकी क्या राय है हमारे साथ जरूर साझा करें।

Previous post केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 312 पदों की भर्ती में केवल 7 मुसलमान क्यों?
Next post एक दर्द “फैज़ान” जो अपने इंसाफ के इंतज़ार में स्वर्गीय हो गया  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.