एक ऐसा पंचर पुत्र जो आज भारत की केक इंडस्ट्री का सबसे बड़ा नाम Zoher Khorakiwala

अगर आप मुंबई, पश्चिम बंगाल, गुजरात, हैदराबाद, दिल्ली आदि शहरों में रहते है तो केक और पेस्ट्री के लिए कभी न कभी एक ब्रांड का नाम “Monginis” जरूर सुना होगा।

जी हाँ बेचारे राइट विंग के जमूरों के दर्द पर एक और निम्बू लग चुका है। ये विश्व प्रसिद्ध ब्रांड “Monginis” भी एक मियां भाई परिवार का ही है। इस ब्रांड के मालिक ज़ोहेर खोराकीवाला हैं।

मुंबई वालों की खास पसंद

किसी भी मुंबईकर से पूछ कर देखिये 1958 में अपनी स्थापना से ले कर अभी तक ज़ोहेर खोराकीवाला के ब्रांड “Monginis” के केक के टेस्ट में जरा भी फर्क आया है तो उसका तुरंत जवाब होगा नहीं। इस ब्रांड की कामयाबी का सबसे बड़ा राज ही यही है।

ज़ोहेर खोराकीवाला और उनके परिवार का मुंबई से शुरू हुआ ये आज के समय में देश भर में इसके 2,000 से अधिक डिस्ट्रीब्यूटर और 2.4 लाख से अधिक खुदरा विक्रेता (दुकानदार) हैं। हर साल ये ब्रांड अपने नेटवर्क के जरिये से 1000 करोड़ से भी ज्यादा का बेकरी प्रोडक्ट सेल करता है।

Monginis का नेटवर्क

100 साल पुराने इस ब्रैंड “Monginis” की मुंबई, कोल्हापुर, औरंगाबाद, पुणे, गोवा, सूरत, बड़ौदा, अहमदाबाद, राजकोट, दिल्ली, हैदराबाद, भुवनेश्वर, रायपुर और पटना जैसी जगहों पर 900 से ज़्यादा केक की बड़ी दुकानें हैं। इनकी कोलकाता की मशहूर दुकान को अंदरूनी कलह के कारण बंद कर दिया गया था लेकिन 2019 में इसे फिर से शुरू किया गया है।

Zoher Khorakiwala ने अपना कारोबार भारत के साथ अन्य दूसरे देशों में भी फैलाना शुरू कर दिया है। इनकी कंपनी को ही 1997 के करीब मुंबई में अंडे रहित केक और शाकाहारी ट्रीट बनाने का कल्चर शुरू करने का क्रेडिट जाता है।

हजारों परिवारों का कारोबारी सहारा

आज ज़ोहेर खोराकीवाला की कंपनी के तहत उनकी कंपनी की हजारों वर्कर के साथ पुरे देश में लाखों दुकानदारों की रोजी रोटी जुड़ी हुयी है। अपनी फ्रेंचाइजी नेटवर्क के जरिये से भी हजारों लोग इस कारोबार से फायदा उठा रहे हैं।

ये जो राइट विंग वाले पंचर पुत्र के जाप के साथ मार्किट में मंडराते है उनको मेरी एक सलाह है कि कृपया घूमते टहलते एक मियां ज़ोहेर खोराकीवाला के ब्रांड “Monginis” के ब्लैक फॉरेस्ट और प्लेन मावा केक जरूर टेस्ट करना बहुत मज़ा आएगा।

बाकि दो दो रूपए की सेविंग की टेंशन मत लो केक ज्यादा महंगा नहीं होता है।

Previous post पंचर पुत्रों की तीसरी कहानी का पात्र कभी कपड़े सिलता था मगर आज 11 हजार करोड़ का है मालिक
Next post एक पंचर पुत्री Taab Siddiqi ने बनाया ब्रेड इंडस्ट्री का सबसे बड़ा नाम “Harvest Gold”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *